भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 2(29) और 2(30) भाग-4. BNS 2023 section 2(29) and 2(30), Part-4 in Hindi.
(17) विश्वास करने का कारण Reason to believe (धारा 2(29)- कोई व्यक्ति किसी बात का विश्वास करने का कारण रखता है, यह तब कहा जाता है जब वह उस बात के विश्वास करने का पर्याप्त कारण रखता है अन्यथा नहीं।
'विश्वास करना' शब्द 'संदेह करना' शब्द से अधिक सशक्त है। इसमें यह उपधारणा अन्तर्निहित है। कि कोई विचारशील व्यक्ति परिस्थितियों पर विचार करके ही सत्य अथवा किसी घटना के संबंध में आश्वसत होता है और उसका विश्वास करता है। आवश्यकता होने पर उन परिस्थितियों को प्रमाणित भी किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, जहॉं, कोई अनुज्ञसिधारी स्टाम्प विक्रेता जाली स्टाम्प बेचते हुए पकड़ा जाये, वहॉं अभियुक्त का मात्र यह कह देना समुचित प्रतिरक्षा नहीं हो सकती कि उसने वे स्टाम्प कोषालय से खरीदे हैं। ऐसे मामलों में कोषालय का अभिलेख व स्टाम्प क्रय क रजिस्टार क्रय का रजिस्टर साक्ष्य में पेश किया जाना आवश्यक था। न्यायालय ने यह माना कि अभियुक्त के पास यह विश्वास करने का कारण था कि वह जाली स्टाम्पों का विक्रय करता था। 'विश्वास' तथा 'ज्ञान' में अंतर है। जब किसी बात को व्यक्ति अपनी इंन्द्रियों द्वारा अनुभव कर सकता है। तब हम कहते है कि उस बात का ज्ञान है और यदि वह उस बात का विश्वास करने के लिये पर्याप्त कारण रखता है, तो हम कहते हैं कि उस व्यक्ति को उस बात का विश्वास है।
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| भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 2(29) और 2(30) भाग-4. BNS 2023 section 2(29) and 2(30), Part-4 in Hindi. |
(18) विशेष विधि Special law (2(30)- विशेष विधि से वह विधि अभिप्रेत है, जो किसी विशिष्ट विषय को लागू हो। उदाहरणार्थ- आबकारी, अफीम, पशु अतिचार, जुआ एवं रेलवे अधिनियम आदि। आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम, 1932 इस धारा के अर्थों में एक विशेष विधि थी। इसी प्रकार कस्टम अधिनियम, 1962 इस धारा के अर्थान्तर्गत विशेष विधि है।
(19) मूल्यवान प्रतिभूति Valuable security- धारा 2(31)- धारा 2(31) में शब्द ' मूल्यवान प्रतिभूति' को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार मूल्यवान प्रतिभूति से आशय ऐसे दस्तावेज से है, जिसके द्वारा-
- कोई विधिक अधिकार सृजित, विस्तृत, अन्तरित, निर्बन्धित या निर्वाचित किया जाये, अथवा छोड़ा जाए या
- किसी व्यक्ति द्वारा यह अभिस्वीकार किया जाये कि वह किसी विधिक दायित्व के अधीन हैं या अमुक विधिक अधिकार नहीं रखता है।
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