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BNS 2023 Notes in hindi. भारतीय न्‍याय संहिता 2023 नोट्स इन हिंदी। PART- 3

                   भारतीय न्‍याय संहिता 2023, BNS 2023 (Part-3)

चित्रण/ दृष्‍टांत

क एक विनिमय पत्र की पीठ पर, अपना नाम लिख देता है, जो उसके आदेश के अनुसार देय है। वाणिज्यिक प्रथा के अनुसार व्‍याख्‍या करने पर इस पृष्‍ठांकन का अर्थ यह है कि धारक को विनियिमपत्र का भुगतान कर दिया जाए। पृष्‍ठांकन एक दस्‍तावेज है और इसका अर्थ उसी प्रकार से लगाया जाएगा मानो हस्‍ताक्षर के ऊपर '' धारक को भुगतान करें'' शब्‍द या उस प्रभाव वाले शब्‍द लिख दिए गए है।

  • कपटपूर्ण से कपट करने के आशय से कोई कार्य करना अभिप्रेत है, अन्‍यथा नहीं। 
  • लिंग पुल्लिंग वाचक शब्‍द '' वह'' और उसके व्‍यत्‍पन्‍नों का प्रयोग किसी भी व्‍यक्ति के लिए किया जा सकता है। चाहे वह पुरूष या महिला या उभयलिंगी हो। 

BNS 2023 स्‍पष्‍टीकरण

उभयलिंगी का वही अर्थ होगा, जो उभयलिंंगी व्‍यक्ति अधिनियम 2019 की धारा 2 के खण्‍ड में गई है। 

  • सद्भावपूर्वक- कोई बात की गई या विश्‍वास की गई नहीं कही जाती है, जो सम्‍यक् सतर्कता और ध्‍यान के बिना की गई है या विश्‍वास की गई है।
  • सरकार से केन्‍द्रीय सरकार या कोई राज्‍य सरकार अभिप्रेत है। 
  • संश्रय के अंतर्गत किसी व्‍यक्ति को आश्रय, भोजन, पेय, धन, वस्‍त्त, आयुध, गोला-बारूद या वाहन के साधन देना, या किन्‍हीं साधनों से चाहे वे उसी प्रकार के हों या नहीं, जिस प्रकार से इस खंड में प्रगणित हैं, पकड़े जाने से बचने के लिए किसी व्‍यक्ति की सहायता करना, सम्मिलित है।
  • क्षति से कोई अपहानि अभिप्रेत है, जो किसी व्‍यक्ति के शरीर, मन, ख्‍याति या सम्‍पति को अवैध रूप से कारित हुई है।
  • अवैध और करने के लिए वैध रूप से आबद्ध- अवैध शब्‍द प्रत्‍येक उस बात को लागू है, जो अपराध है, या जो विधि द्वारा प्रतिषद्ध है, या जो सिविल कार्यवाही के लिए आधार उत्‍पन्‍न करती है। और कोई व्‍यक्ति उस बात को करने के लिए वैध रूप से आबद्ध कहा जाता है जिसका लोप करना उसक लिए अवैध है।
  • न्‍यायाधीश से ऐसा व्‍यक्ति अभिप्रेत है, जो शासकीय रूप से न्‍यायाधीश के रूप में अभिहित किया गया है, इसके अन्‍तर्गत ऐसा कोई व्‍यक्ति भी आता है-
  1. जो किसी विधिक कार्यवाही में, चाहे वह सिविल हो या दण्डिक, अंतिम निर्णय या ऐसा निर्णय, जो उसके विरूद्ध अपील न होने पर अंतिम हो जाए या ऐसा निर्णय, जो किसी अन्‍य प्राधिकारी द्वारा पुष्‍ट किए जाने पर अंतिम हो जाए, देने के लिए विधि द्वारा सशक्‍त किया गया हो या
  2. जो उस निकाय या व्‍यक्तियों में से एक हो, जिस व्‍यक्ति- निकाय को ऐसा निर्णय देने के लिए विधि द्वारा सशक्‍त किया गया है।

                                                    दृष्‍टांत/ चित्रण BNS 2023

 किसी भी आरोप के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाला कोई मजिस्‍ट्रेट, जिसके लिए उसे  जुर्माना या   कारावास का दण्‍ड देने की शक्ति प्राप्‍त है, चाहे उसकी अपील होती हो या न होती हो, न्‍यायाधीश है।
  • जीवन से  जब तक  संदर्भ से प्रतिकूल प्रतीत न हो, किसी मानव का जीवन अभिप्रेत है।
  • स्‍थानीय विधि से  ऐसी  विधि अभिप्रेत है जो भारत के किसी विशिष्‍ट भाग को ही लागू हे।
  • पुरूष से किसी भी आयु का मानव नर अभिप्रेत है।
  • मास और वर्ष- जहां-कहीं मास शब्‍द या वर्ष शब्‍द का प्रयोग किया गया है, वहां यह समझा जाना है कि मास या वर्ष की गणना ग्रिगोरियन कलैंडर के अनुसार की जानी है।
  • चल सम्‍पत्ति के अन्‍तर्गत भूमि और वे चीजें, जो भूबद्ध हैं या भूबद्ध किसी चीज से स्‍थायी रूप से जकड़ी हुई है, के सिवाय, प्रत्‍येक प्रकार की सम्‍पति आती है।
  • वचन- जब तक की संदर्भ से प्रतिकूल प्रतीत न हो, एकवचन के द्योतक शब्‍दों के अंतर्गत बहुवचन भी हैं, और बहुवचन के द्योतक शब्‍दों के अंतर्गत एकवचन भी है।
  • शपथ- के अन्‍तर्गत किसी शपथ के लिए विधि द्वारा प्रतिस्‍थापित सत्‍यनिष्‍ठ प्रतिज्ञान और ऐसी कोई घोषणा, जिसका किसी लोक सेवक के समक्ष किया जाना या न्‍यायालय में या अन्यथा सबूत के प्रयेजन के लिए उपयोग किया जाना विधि द्वारा अपेक्षित या प्राधिकृत है, आती है।
  • अपराध- उपखण्‍ड (क) और उपखण्‍ड (ख) में उल्लिखित अध्‍यायों और धाराओं के सिवाय '' अपराध'' शबद से इस संहिता द्वारा दण्‍डनीय की गई कोई बात अभिप्रेत हैं, किन्‍तु-

(क) अध्‍याय 3 और निम्‍नलिखित धाराओं, अर्थात् धारा 8 की उपधारा (2), उपधारा (3), उपधारा (4) और उपधारा (5), धारा 9, धारा 49, धारा 50, धारा 52, धारा 54, धारा 55, धारा 56, धारा 57, धारा 58, धारा59, धारा 60, धारा 61, धारा 119, धारा 120, धारा 123, धारा 127 की उपधारा (7) और उपधारा (8), धारा 222, धारा 230 , धारा 231, धारा 240, धारा 248, धारा 250, धारा 251, धारा 259, धारा 260, धारा 261, धारा 262, धारा 263, धारा 308 की उपधारा (6) और उपधारा (7) तथा धारा 330 की उपधारा (2) में '' अपराध'' शब्‍द से इस संहिता के अधीन, या किसी विशेष विधि या स्‍थानीय विधि के अधीन दण्‍डनीय कोई बात अभिप्रेत हैं और 
(ख) धारा 189 की उपधारा (1), धारा 211, धारा 212, धारा 238, धारा 239, धारा 249, धारा 253, और धारा 329, की उपधारा (1) में '' अपराध'' शब्‍द का वहीं अर्थ होगा, जो विशेष विधि या स्‍थानीय विधि के अधीन दण्‍डनीय कार्य, ऐसी विधि के अधीन छह मास या उससे अधिक, अवधि के कारावास से, चाहे वह जुर्माने सहित हो या रहित दण्‍डनीय है;

  • लोप लोपो की किसी आवली का उसी प्रकार द्योतक है, जिस प्रकार एकल लोप का; 
  • व्‍यक्ति के अन्तर्गत कोई भी कंपनी या संगम या व्‍यक्ति निकाय, चाहे वह निगमित हो या नहीं आता है।
  • लोक के अंतर्गत कोई भी वर्ग या कोई भी समुदाय आता हैं;
  • लोक सेवक से ऐसा कोई व्‍यक्ति अभिप्रेत हैं, जो निम्‍नलिखित वर्णनों में  से किसी के अधीन आता हैं, अर्थात्-
  1. सेना, नौसेना या वायु  सेना का प्रत्‍येक आयुक्‍त अधिकारी;
  2. प्रत्‍येक न्‍यायाधीश, जिसके अंतर्गत ऐसा कोई भी व्‍यक्ति आता हैं जो किन्‍हीं न्‍यायनिर्णय कृत्‍यों का, चाहें स्‍वंय या व्‍यक्तियों के किसी निकाय के सदस्‍य के रूप में निर्वहन करने के लिए विधि द्वारा सशक्‍त किया गया है।
  3. न्‍यायालय का प्रत्‍येक अधिकारी, जिसके अन्‍तर्गत समापक, रिसीवर या कमशिनर, आता हैं, जिसका ऐसे अधिकारी के  नाते यह कर्त्‍तव्‍य है कि वह विधि या तथ्‍य के किसी मामलों में अन्‍वेषण या रिपोर्ट करें, या कोई दस्‍तावेज बनाए, अधिप्रमाणीकृत करे, या रखे, याकिसी सम्‍पति का भार सम्‍भाले या उस सम्‍पत्ति का व्‍ययन करे, या किसी न्‍यायिक  आदेशिका का निष्‍पादन करें या कोई शपथ ग्रहण कराए या निर्वचन करे या न्‍यायालय मे व्‍यवस्‍था बनाए रखे और  प्रत्‍येक व्‍यक्ति, जिसे ऐसे कर्त्‍तव्‍यों में से किन्‍हीं का पालन करने के लिए न्‍यायालय द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत किया गया है; 
  4. किसी न्‍यायालय या  लोक सेवक की सहायता करने वाला प्रत्‍येक अससेर या पंचायत का सदस्‍य; 
  5. प्रत्‍येक मध्‍यस्‍थ या अन्‍य व्‍यक्ति, जिसको किसी न्‍यायालय द्वारा या किसी अन्‍य सक्षम लोक प्राधिकारी द्वारा कोई मामला या विषय, विनिश्चिय या रिपोर्ट के लिए निर्दिष्‍ट किया गया है;
  6. प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो किसी ऐसे पद को धारण करता हैं, जिसके आधार पर वह किसी व्‍यक्ति  को परिरोध में करने या रखने के लिए सशक्‍त हैं;
  7. सरकार का प्रत्‍येक अधिकारी, जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्त्‍तव्‍य है कि वह सरकार की  ओर से किसी  सम्‍पति को ग्रहण करें, प्राप्‍त करें, रखे या व्‍यय करें, या सरकार की  ओर से कोई सर्वेक्षण निर्धारण या संविदा करें, या किसी राजस्‍व आदेशिका का निष्‍पादन करें या सरकार के धन संबंधी हितों पर प्रभाव डालने वाले किसी मामले में अन्‍वेषण या रिपोर्ट करे या सरकार के धन संबंधी हितों से संबंधित किसी दस्‍तावेज को बनाए, अधिप्रमाणीकृत करे या रखे, या सरकार के धन संबंधी हितों के संरक्षण के लिए किसी विधि व्‍यतिक्रम को  रोके; 
  8. प्रत्‍येक अधिकारी, जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्त्‍तव्‍य है कि वह किसी ग्राम, नगर या जिले के किसी पंथ निरपेक्ष सामान्‍य प्रयोजन के लिए किसी सम्‍पत्ति को ग्रहण करें, प्राप्‍त करें, रखे या व्‍यय करें, कोई  सर्वेक्षण या निर्धारण  करें, या कोई रेट या कर उद्गगृहीत करें, या किसी ग्राम नगर, जिले के लोगों के अधिकारों का अभिनिश्चियन करने के लिए कोई दस्‍तावेज बनाए अधिप्रमाणित करें या रखे;
  9. प्रत्‍येक व्‍यक्ति, जो कोई ऐसा पद धारण करता है जिसके आधार पर वह निर्वाचक नामावली तैयार करने, प्रकाशित करने, बनाए रखने या पुनरीक्षित करने के लिए या निर्वाचन या निर्वाचन के किसी भाग को संचालित करने के लिए सशक्‍त है;
  10. प्रत्‍येक व्‍यक्ति, जो-
  • सरकार की सेवा या वेतन में हैं या किसी लोक कर्त्‍तव्‍य के पालन के लिए सरकार से फीस या कमीशन के रूप में पारिश्रामिक पाता है;
  • साधारण खण्‍ड अधिनियिम, 1897 की धारा 3 के खण्‍ड में यथा परिभाषित किसी स्‍थानीय प्राधिकारी की, किसी केन्‍द्रीय या  राज्‍य अधिनियम के द्वारा या उसके अधीन स्‍थापित किसी निगम की या कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 खण्‍ड (45) में यथा परिभाषित किसी सरकारी कंपनी की सेवा या वेतन में है।

BNS 2023 स्‍पष्‍टीकरण- 

  • इस खण्‍ड में किए गए वर्णनों में से किसी के अधीन आने वाले व्‍यक्ति लोक सेवक है, चाहे वे  सरकार द्वारा नियुक्‍त किए गए हों या नहीं;
  • प्रत्‍येक ऐसा व्‍यक्ति, जो लोक सेवक के ओहदे को वास्‍तव में  धारण किया हुआ है, चाहें उस ओहदे को धारण करने के उसके अधिकार में कैसी ही विधिक त्रुटि हो, लोक सेवक है; 
  • निर्वाचन से किसी विधायी, नगरपालिका, या अन्‍य लोक प्राधिकारी के सदस्‍यों का चयन करने के प्रयोजन से  कोई निर्वाचन अभिप्रेत है, चाहे वह कैसे ही स्‍वरूप का हो, जिसके लिए चयन करने की  पद्धति तत्‍समय प्रवृत्‍त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन है।   
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लेखक- अमन कुमार तोमर

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